मां कामाख्या तंत्र साधना केंद्र
त्रिकालदर्शी साधना सिद्धि/भूत – भविष्य और वर्तमान जाने की साधना/पर्ची लिखने की साधना/दरबार लगाने की साधना
शिविर का मुख्य आकर्षण
1. त्रिकालदर्शी साधना पूर्ण विधि विधान सहित
2. पर्ची बनाने साधना पूर्ण विधि विधान सहित
3. किसी का भूत भविष्य बताने की साधना पूर्ण विधि विधान सहित
4. शरीर सुरक्षा बंगाली शाबर मंत्र
5.घर को सुरक्षित बांधने का मंत्र
6. भूत,प्रेत, जिन्न, जिन्नात, डाकनी, साकनी को पीटने का मंत्र
7. किसी पे मसान भेजने का पूर्ण अघोर विधि
8. मंत्र जागृत करने का विधि विधान
9. माला को चैतन्य करने का विधि विधान
10. तांत्रिक हवन करने का विधि विधान
11. घर से भागे को वापस बुलाने का घातक तांत्रिक उपाय
12. घर का वास्तु दोष कैसे दूर करें उसका पूर्ण जानकारी
13. नौ ग्रह पे चर्चा और दोष निवारण तांत्रिक मंत्र प्रयोग
14. धन प्राप्ति हेतु तांत्रिक उपाय
15. तंत्र, मंत्र और यंत्र पे चर्चा…
ये शिविर बिहार के पवित्र भूमि मुंगेर में जहां पे क्रियोग का विश्व प्रसिद्ध योगाश्रम स्थित है, जहां पे माता चंडिका शक्तिपीठ है, यही पे माता शक्ति का आंख गिरा था, यही पे कभी महाभारत कालीन राजा कर्ण पूजा किया करते थे, और साथ ही ये भूमि पतित पावनी माता गंगा जी के किनारे स्थित है, इसी पवित्र भूमि पे इस शिविर का आयोजन किया जा रहा है
इस शिविर में भाग लेने वाले सभी साधकों को माता चंडिका का दर्शन, गंगा जी में स्नान और मंदिर परिसर में मेरे साथ हवन पूजा करने का भी सौभाग्य प्राप्त होगा
इसी मुंगेर में श्रृंगी ऋषि का पर्वत है जहां आज भी पूर्णमासी में अप्सराएं धरती लोक पे आती है, श्रृंगी ऋषि वही ऋषि है जिनके हवन करने के उपरांत ही अयोध्या के राजा दशरथ जी को श्रीराम जी, लक्ष्मण जी, भरत जी और शत्रुधन जी जैसे पुत्र धन की प्राप्ति हुआ था
सीता मां गर्म जल का कुंड भी यहीं है, यहां स्नान करने वाले का सभी चर्म रोग ठीक हो जाता है
ये किसी भूत प्रेत या शमशान की साधना नहीं है 100% सात्विक और देवीय कृपा से सिद्ध साधना सिद्धि प्रयोग देने जा रहा हूं, अतः आप सभी इसमें भाग ले के अपने अधूरे सपने को साकार करें
शिविर सहयोग शुल्क रहना खाना सहित और शिविर शुल्क सहित @ 7500/-
दुर्गा पूजा के बाद इसका शुल्क 11500/ कर दिया जायेगा, अतः अपना बुकिंग करने से पहले समय और तारीख जरूर देख लें
शिविर 9 दिसंबर से 12 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है
भाग लेने वाले सभी साधक लाल वस्त्र, लाल आसन और रुद्राक्ष की माला साथ ले के जरूर आयेंगे